copyscape

Protected by Copyscape Web Plagiarism Finder

Wednesday 11 November, 2009

विचार मंथन - 9

कठिनाइयाँ एक ऐसी खराद की तरह है, जो मनुष्ये के व्यक्तितित्व को तराश कर चमका दिया करती है। कठिनायों से लड़ने और उन पर विजय प्राप्त करने से मनुष्ये में जिस आतमबल का विकास होता है,वह एक अमूल्य सम्पति होती है, जिसको पाकर मनुष्ये को अपार संतोष होता है। कठिनायों से संघर्ष पाकर जीवन में ऐसी तेजी उत्पन हो जाती है, जो पथ के समस्त झाड़ -झंखाडों को काटकर दूर कर देती है।

No comments: